HP Current Affairs Daily - 08-09 April 2023 in Hindi for HPPSC HPAS & Allied Services Exams

HP Current Affairs Daily - 01 April 2023 in Hindi for HPPSC HPAS & Allied Services Exams

HP Current Affairs Daily - 08-09 April 2023 in Hindi for HPPSC HPAS & Allied Services Exams

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Preparation to legalize cannabis cultivation
भांग की खेती को वैध करने की तैयारी। 

  • मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में भांग की खेती को वैध बनाने की दिशा में विचार कर रही है, जिससे राज्य के लिए राजस्व अर्जित होगा।
  • यह औषधीय और औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी कारगार साबित होगी। 
  • भांग के औषणीय गुणों के इस्तेमाल से कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अवसाद आदि से ग्रसित मरीजों को काफी राहत मिलती है। 
  • प्रदेश सरकार ने भांग की खेती का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें पांच विधायकों को सदस्य बनाया गया है। समिति उन इलाकों का दौरा करेगी, जहां भांग की अवैध खेती होती है। सभी पहुलुओं का गहनता से अध्ययन करने के उपरांत एक महीने के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपेंगी। इसी के आधार पर भांग की खेती को वैध करने के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 
  • विश्व के कई देशों में भांग की खेती को कानूनी मान्यता दी गई हैं। देश के कई राज्यों में भी भांग की खेती को कानूनी दायरे में रखा गया है। उत्तराखंड वर्ष-2017 में भांग की खेती को वैध करने वाला देश का पहला राज्य बना था।
  • इसके अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी भांग की नियंत्रित खेती की जा रही है।
  • मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भांग की खेती राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसका इस्तेमाल नशे के तौर पर न हो। 
  • भारत की संसद में वर्ष 1985 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत भांग को परिभाषित किया था, जिसके तहत भांग के पौधे से राल और फूल निकालने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन यह कानून औषधीय और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की विधि और सीमा निर्धारित करता है।
  •  अधिनियम की धारा 10(ए) के अंतर्गत राज्यों को किसी भी भांग के पौधे की खेती, उत्पादन, कब्जा, परिवहन, खपत, उपयोग और खरीद तथा बिक्री, भांग की खपत के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देती है। 
  • राज्यों को सामान्य या विशेष आदेश द्वारा, केवल फाइबर या बीज प्राप्त करने या बागबानी उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की अनुमति देने का अधिकार है।

President Murmu will be the guest of honor at the HPU convocation.
एचपीयू के दीक्षांत समारोह में मेहमान बनेंगी राष्ट्रपति मुर्मू। 

  • हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के आगामी 26वें दीक्षांत समारोह 19 अप्रैल को होने जा रहा हैं। 
  • समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगी। 
  • राष्ट्रपति 3:20 से 4:20 एक घंटा दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाएंगी। 
  • समारोह की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ल करेंगे। 
  • कुलपति ने बताया कि समारोह में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह रहेंगे। 
  • इसके साथ उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी समारोह में उपस्थित रहेंगे। 
  • समारोह में 100 पीएचडी एवं 118 स्वर्ण पदक दिए जाएंगे।

Efforts will be made to improve the future of children under Sukhashray Yojana
सुखाश्रय योजना के तहत बच्चों का भविष्य संवारने का होगा प्रयास

  • हिमाचल प्रदेश सुख-आश्रय (बच्चों की देखभाल, संरक्षण और आत्मनिर्भरता) विधेयक, 2023 को विधानसभा में पारित करके कानूनी रूप में अनाथ बच्चों का भविष्य सुनिश्चित किया है। 
  • इस विधेयक से अनाथ और निराश्रित बच्चों को जहां बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी, वहीं उन्हें अपने भविष्य की नींव को मजबूत करने में सहायता मिलेगी। 
  • सुख-आश्रय (बच्चों की देखभाल, संरक्षण और आत्मनिर्भरता) विधेयक, 2023 के लागू होने से राज्य के 6000 निराश्रित बच्चों, जिन्हें अब ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है। 
  • इस विधेयक का उद्देश्य अनाथ, निराश्रित और दिव्यांग बच्चों को उचित देखभाल, सुरक्षा, विकास और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है। 
  • इसमें चाइल्ड केयर और आफ्टर केयर संस्थानों में रहने वाले बच्चों को वस्त्र और उत्सव अनुदान प्रदान करने का प्रावधान भी किया गया है। 
  • साथ ही बच्चों को राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में वार्षिक शैक्षणिक भ्रमण का अवसर भी प्राप्त होगा।
  • इसके अतिरिक्त प्रत्येक बच्चे के लिए आवर्ती जमा खाते खोले जाएंगे, जिनमें राज्य सरकार योगदान देगी। इसके अलावा भी उनकी मदद करती रहेगी।
    स्टार्ट-अप शुरू करने में भी मदद करेगी प्रदेश सरकार
  • राज्य सरकार इन बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग प्रदान करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग की अवधि के दौरान भी उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए स्टाइपेंड प्रदान किया जाएगा। 
  •  इस बिल में जो बच्चे 18 वर्ष की आयु के बाद अपना स्टार्ट-अप स्थापित करना चाहते हैं, उनको प्रदेश सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करने के अलावा भूमिहीन अनाथों और निराश्रितों को तीन बिस्वा भूमि आबंटन व आवास अनुदान का भी प्रावधान है।

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