HP Current Affairs Daily - 24 March 2023 in Hindi | Himachal News
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Government will raise destitute children, proposed a budget of 2233 crores for the welfare of weaker sections
निराश्रित बच्चों को पालेगी सरकार, कमजोर वर्गों के कल्याण को 2233 करोड़ का बजट प्रस्तावित
- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल की नवगठित सरकार निराश्रित बच्चों, महिलाओं और अन्य कमजोर वर्गों के अभिभावक अथवा संरक्षक के रूप में कार्य करेगी।
- अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ के रूप में अपनाने और 27 वर्ष की आयु तक उन्हें अपनाने के निर्णय ने एक ओर विपक्षी दलों को चुप्पी साधने पर मजबूर किया है, वहीं समाज के विभिन्न वर्गों ने सरकार के इस कदम की सराहना की है।
- वर्तमान सरकार ने महिलाओं, बच्चों और अन्य कमजोर वर्गों की सामाजिक सुरक्षा एवं उनके कल्याण के लिए 2233 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया है। व
- रिष्ठ नागरिकों, अनाथ एवं दिव्यांग बच्चों और निराश्रित महिलाओं के लिए एकीकृत आवासीय परिसर के रूप में आदर्श ग्राम सुख-आश्रय परिसर की घोषणा ने मुख्यमंत्री की असहाय एवं आवासहीन लोगों के प्रति संवेदनाओं को गहरे से प्रकट किया है। इन परिसरों में 400 आवासियों के रहने की सुविधा होगी।
- इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए सरकार ने विधवाओं और 40 से 69 प्रतिशत तक दिव्यांगजनों को पेंशन लाभ के लिए आय सीमा की पात्रता को समाप्त करते हुए ग्राम सभाओं को इनके चयन संबंधी अनुशंसा की शक्तियां भी हस्तांतरित की हैं।
- 12 करोड़ रुपए के अतिरिक्त व्यय के साथ इस राहत भत्ता योजना से विधवा महिलाओं के साथ ही लगभग 9000 नए दिव्यांगजन लाभान्वित होंगे। वहीं परित्यक्त अथवा एकल नारियों को आवासीय सुविधा के अभाव सहित कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
The coronation is going to happen in Kangra fort after 400 years.
कांगड़ा दुर्ग में 400 साल बाद होने जा रहा राजतिलक।
- देश के सबसे पुराने किलों में शामिल कांगड़ा दुर्ग में 400 साल बाद राज्यभिषेक होने जा रहा है।
- नवमीं के दिन 30 मार्च को कटोच वंश के 489वें राजा के तौर पर एश्वर्य चंद कटोच का राजतिलक होगा।
- कांगड़ा दुर्ग में उनकी कुल देवी मां अंबिका के मंदिर में यह कार्यक्रम होगा।
- मौजूदा समय में एश्वर्य चंद कटोच लंबागांव राजघराने के टिक्का राजा हैं।
- उनका राजतिलक होते ही शैलजा कुमारी कटोच को महारानी और उनके बेटे अंबिकेश्वर चंद्र को कटोच को टिक्का राज की उपाधि मिल जाएगी।
- इस कार्यक्रम में महाराजा एश्वर्य चंद कटोच एक पुस्तक का विमोचन भी करेंगे। इस पुस्तक का नाम है ‘कटोच’ ‘दि त्रिगर्त इंपायर’।
- इस कार्यक्रम के लिए उनकी माता चंद्रेश कुमारी ने कई हस्तियों को न्योता भेजा है। इस बारे में कांगड़ा कला एवं साहित्य संरक्षक राघव गुलेरिया ने बताया कि इस कार्यक्रम का बहुत महत्व है। ऐतिहासिक दुर्ग में होने वाले इस कार्यक्रम के बाद हिमाचल में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी। बताया जाता है कि कांगड़ा दुर्ग में अंतिम राज्यभिषेक 1629 ईस्वी में हुआ था। यही कारण है कि इस राज्यभिषेक पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी।
कटोच वंश का गौरवमयी इतिहास
- कटोच वंश को दुनिया के सबसे पुराने राजघरानों में गिना जाता है। इनके पहले राजा भूमि चंद कटोच का जिक्र ज्वालामुखी के गोरख टिब्बी में है। इनके 234वें वंशज सुशर्म चंद्र का महाभारत में उल्लेख है। अठारहवीं शताब्दी में कटोच वंश के शासकों ने कांगड़ा पेंटिंग को सहेजने लिए कई प्रयास किए।
अमतर में किला, लंबागांव में महल
- कांगड़ा के अलावा नादौन का अमतर किला कटोच शासकों का है। सुजानपुर में बारादरी है, तो लंबागांव में इस परिवार का महल है। एश्वर्य इसी परिवार के टिक्का राज हैं।
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