Understand New Income Tax Slab Budget 2023-24: कितनी सैलरी पर कितना टैक्स Exaplained in Hindi
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Income Tax Slab: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 2023-24 का बजट भाषण संसद में जारी है। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए आयकर का दायरा बढ़ाने का एलान किया है। आयकर का दायरा पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। नए टैक्स रिजिम वाले के लिए सात लाख रुपये तक की आमदनी को अब कोई आयकर नहीं देना होगा। सुपर रिच टैक्स को घटाकर 37 प्रतिशत कर दिया गया है। रिटायर्ड कर्मियों के लिए लिव इनकैशमेंट को बढ़ाकर तीन लाख से 25 लाख रुपये कर दिया गया है। नई टैक्स रिजीम को डिफाल्ट कर दिया गया है। मालूम हो कि नई टैक्स व्यवस्था को केंद्र सरकार ने एक अप्रैल 2020 से लागू किया था। नई टैक्स व्यवस्था यानी नई टैक्स रिजीम में नए टैक्स स्लैब बनाए गए थे लेकिन आयकर में मिलने वाले सारे डिडक्शन और छूट समाप्त कर दिए गए थे। सरकार ने बजट 2023-24 में सरचार्ज की अधिकतम लिमिट 37% से घटकर 25% की गई है।
कितनी सैलरी पर कितना टैक्स लगेगा?
नई व्यवस्था के तहत 6 लाख रुपये से अधिक और 9 लाख रुपये तक की आय पर 10% कर लगाया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये से अधिक और 15 लाख रुपये तक की आय पर 20% कर लगाया जाएगा। 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% कर लगेगा। ये टैक्स नए टैक्स रिजिम के तहत देय होगा। 0 से तीन लाख तक की आमदनी वाले को 0 फीसदी, 3 से 6 लाख तक की आमदनी वाले को 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले को 10 फीसदी, 9 से 12 लाख तक की आमदनी वाले को 15 फीसदी वहीं, 12 से 15 लाख लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले को 20 फीसदी जबकि 15 लाख से अधिक आमदनी वाले को वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। आइए जानते हैं अलग-अलग मासिक आय वर्ग के तहत करदाता कोई छूट क्लेम नहीं करता है तो नए टैक्स रिजिम के तहत उसे कितना टैक्स भरना पड़ेगा? नई टैक्स रिजिम के तहत 58 हजार रुपये तक की मासिक आमदनी पर टेक्सपेयर को किसी टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
मासिक आय के आधार पर टैक्स की दर
मासिक आय |
टैक्स% |
0-25 हजार तक |
0 फीसदी |
25-57 हजार तक |
0 फीसदी |
58-75 हजार तक |
5 फीसदी |
75 हजार से 1 लाख |
10 फीसदी |
1 लाख से सवा लाख |
20 फीसदी |
सवा लाख से अधिक |
30 फीसदी |
सालाना आय के हिसाब से नई टैक्स दरें
आय |
टैक्स% |
0 से तीन लाख |
0 फीसदी |
3 से 6 लाख |
5 फीसदी |
6 से 9 लाख |
10 फीसदी |
9 से 12 लाख |
15 फीसदी |
12 से 15 लाख |
20 फीसदी |
15 लाख से ज्यादा |
30 फीसदी |
पहले ढाई लाख तक की आमदनी थी टैक्स फ्री